मेरे आँखों में बसा एक सितारा है तू
बेचैन जिन्दगी का एक सहारा है तू
दिल में हर पल उफनती लहरों का किनारा है तू
जताए ना तू चाहे ,,,,
जानती है तू , की मेरे लिए कितना प्यारा है तू .
पिरोता हु जो मै हर पल अपनी जिन्दगी की माला
उस माला का एक अकेला मोती है तू
दूर कहाँ तू इस दिल से,
दूर होके भी मेरे साथ होती है तू
जागता हूँ मै रातों मै
मगर बता मुझे क्या कभी सोती है तू
संजोता हु तुझे हर पल इस जिन्दगी में
और रोते हुए इसमें बेबसी पिरोती है तू
इश्क -ए -मोह्हबत को मै छुपा नहीं सकता
न जाने क्या है तुजमे जो खुद में ही समा जाती है तू
चाहत को दिल में ही दबा जाती है तू
अकेले में रोती है और महफ़िल में मुझे रुला जाती है तू
किसी रोज़ आरमानो की बारिश में भीगा दूंगा तुझे
मै भी किसी दिन भरी महफ़िल में रूला दूंगा तुझे ….